हम कहाँ खड़े हैं

 

शिक्षा :

  • भारत में जीडीपी का 3% भाग ही शिक्षा के लिए खर्च किया जाता है जबकि बांग्लादेश शिक्षा पर 10% और अति गरीब देश जैसे कि बोत्सवाना,बोलिविया शिक्षा पर अपनी जीडीपी का 7% खर्च करते हैं,
  • दुनिया के 300 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है
  • भारत में केवल 20% इंजीनियरी नौकरी देने के लायक माने गए हैं अर्थात 80% से ज्यादा इंजीनियरों के पास नौकरी पाने के लिए कौशल नहीं है अमेरिका में 74% इंजिनियर रोजगार योग्य माने गए हैं और जर्मनी में 91%
  • आजादी के 73 वर्षों में भारत की साक्षरता दर 74% तक पहुंची है जबकि बांग्लादेश जो केवल 50 वर्ष पुराना है वह आज हमारे बराबर साक्षर है। मोरक्को जैसे अफ्रीकन देश अपनी शिक्षा दर गत वर्षों में 70% से 95% ले तक ले गए हैं|
  • आज भी भारत में 1 लाख गांव स्कूल से वंचित है
  • अभी तक भारत को विज्ञान के क्षेत्र में केवल एक ही को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है जो दिखाता है कि भारत में रिसर्च की स्थिति और इसके लिए ढांचागत सुविधाएं किस स्तर पर हैं
  • 70% से भी ज्यादा जो शोध कार्य भारत में जमा किए जाते हैं उन पर चोरी का आरोप लगता है.
  • प्रतिवर्ष 40 लाख नौकरी योग्य भारतीय विदेश में रोजगार हेतु पलायन कर जाते हैं एवं 3 लाख भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए हर साल विदेश जाते हैं
  • भारत में प्रति 24 छात्र 1 शिक्षक का अनुपात है जबकि कनाडा में प्रति 9 छात्र पर एक शिक्षक, स्वीडन में प्रति शिक्षक 12 छात्र, ब्रिटेन में एक शिक्षक पर 16 छात्र, चीन में एक शिक्षक पर 19 छात्र का अनुपात है।
  • भारत में लगभग 1लाख स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक है
  • कई वर्षों से अधिकतर राज्यों में 60 से 70% शिक्षकों की भर्तियां अधूरी पड़ी है

किसी राष्ट्र का विकास उसके शीशमहलों या रंगीन दीवारों में नहीं बल्कि उसके नागरिकों के नैतिक मूल्यों में गुथा होता हैं। - महात्मा गांधी

स्वास्थ्य :

  • भारत सरकार अपने सकल घरेलू उत्पाद का 1.3% स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर खर्च करती है जबकि बांग्लादेश सरकार 2.4% ब्राजील 9% दक्षिण अफ्रीका 8% रूस 5% चीन 5% एवं अमेरिका 17% करता है
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर भारत सरकार का खर्च 1944 प्रति व्यक्ति बांग्लादेश का ₹2600 प्रति व्यक्ति एवं अमेरिका का ₹8,00,000 प्रति व्यक्ति है
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1000 व्यक्तियों पर एक डाक्टर होना चाहिए, भारत में 1456 लोगों पर एक डॉक्टर है चीन में 1000 लोगों पर 1.8 डॉक्टर, अमेरिका में 2.6 और स्वीडन में 4.3 डॉक्टर प्रति हजार व्यक्ति हैं
  • भारत में प्रति 10000 व्यक्तियों के ऊपर पांच अस्पताल बेड हैं जबकि बांग्लादेश में प्रति 10000 व्यक्तियों पर 8, अमेरिका में 30, जर्मनी में 39, जापान में 13, एवं कोरिया में 10 बेड हैं
  • ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में बेड उपलब्धता के मामले में भारत 167 देशों में 150 वे स्थान पर आता है।
  • भारत में जेनेरिक दवाइयों का उपयोग केवल 34% हैं जबकि हमारे यहां गरीबी का अनुपात ज्यादा है,
  • जबकि समृद्ध देश जैसे कि अमेरिका में यह प्रतिशत 81% है, जर्मनी में 70%, चिली में 75% और नीदरलैंड में 74 % है
  • भारत विश्व के सबसे बड़े जेनेरिक दवाइयों के उत्पादकों में से एक है और अमेरिका की मांग का 40% आपूर्ति भारत ही करता है
  • भारत में 8 लाख रिटेल फार्मेसी की दुकानो की तुलना में केवल 3200 जन औषधि केंद्र है।
  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का स्थान 107 देशों में 94 वा है यहां तक की पाकिस्तान, हैती और नेपाल भी हमसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

कोई एक व्यक्ति किसी विचार या सुधार के लिए अपने प्राण दे सकता है लेकिन उसकी मृत्यु के बाद वह विचार हजारों मनो मैं जाग उठता है । -सुभाष चंद्र बोस

पेयजल और स्वच्छता

  • भारत के 80% जल स्रोत अत्याधिक प्रदूषित हो चुके हैं जिसका मुख्य कारण सीवर एवं अन्य गंदगी को नदियों और झीलों में छोड़ना है
  • भारत में दूषित जल आपूर्ति के कारण प्रतिवर्ष 15लाख बच्चे मारे जाते हैं
  • कुल 6लाख गांव में से केवल 45000 गांव में ही पाइप पानी की आपूर्ति होती है।
  • 82% ग्रामीण घरों में पाइप पानी की आपूर्ति नहीं है
  • शासकीय डेटा के अनुसार सन 2030 तक भारत की जनसंख्या का 40 % लोग पानी की अत्याधिक कमी से जूझेंगे।
  • भारत के कुल 780 जिलों में से 256 जिले गंभीर रूप से पानी की कमी झेल रहे हैं।
  • भारत के 30000 गांव में पानी का कोई भी स्रोत उपलब्ध नहीं है
  • भारत के ग्रामीण इलाकों में 29% परिवारों के पास शौचालय नहीं है.
  • भारत के 21 हजार शासकीय स्कूलों में शौचालय उपलब्ध नहीं है और 30% शौचालय सफाई के अभाव में उपयोग के योग्य नहीं है।

भारत में बेरोजगारी :

  • 2011 की जनगणना के अनुसार 40% आबादी अर्थात 45 करोड लोग जीवन यापन हेतु ग्रामीण से शहर की ओर पलायन रत है।
  • भारत में बेरोजगारी दर 9% है जिसके अनुसार चार करोड़ लोग बेरोजगार हैं।
  • शहरी क्षेत्र में 15–29 वर्ष आयु वर्ग में 22% लोग बेरोजगार हैं।
  • अधिकतर कार्यरत लोग भी अल्प वेतन के कारण निर्धन है।
  • जीएसटी के लागूकरण के साथ 11 करोड़ छोटे एवं मझोले उद्योग समस्या में आ गए हैं जो कि बेरोजगारी बढ़ने का मुख्य कारण है
  • भारत में 98% कार्यरत लोगों के पास कार्य हेतु आवश्यक कौशल नहीं है, ब्रिटेन में 68% एवं चीन में 72% लोगों के पास अपने कार्य हेतु आवश्यक कौशल उपलब्ध है।
  • भारत में जनसंख्या को संसाधन में बदलना एक गहरी आवश्यकता है, अभी भारत में औसत उम्र 29 वर्ष है जिसका अर्थ है उत्पादक आयु वर्ग के लोग भारत में वृद्ध लोगो अधिक हैं जो उत्पादन के योग्य नहीं माने जाते और आश्रित रहते है।

हमें लोहे के स्नायु और फौलादी मांसपेशियां चाहिए हम बहुत रो लिए अब और नहीं रोना है बल्कि मनुष्य की तरह अपने पैरों पर खड़े होना हैl - स्वामी विवेकानंद

औद्योगिकरण:

  • भारत में 99% लघु उद्योग हैं जबकि केवल 0.5 उद्योग मझोले एवं छोटे हैं
  • भारत में 58% से ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर है किसी भी औद्योगिक देश जैसे कि चीन मैं कृषि पर अवलंबित लोगों की जनसंख्या 15% से ज्यादा नहीं है।
  • लंबे समय तक युद्ध की मार झेल रहे देश जैसे कि वियतनाम भी औद्योगिकरण में हमसे आगे निकल रहे हैं कोरोना संकट में जब अधिकतर कंपनियां चीन से बाहर निकल रही थी तो वह उन्हें आकर्षित करने में हमसे ज्यादा सफल रहे।
  • भारत में 86% उत्पादन संस्थान कठिन पंजीयन व्यवस्था के कारण पंजीकृत नहीं है जिसकी वजह से उन्हें बैंकों द्वारा ऋण नहीं मिल पाता, और वे ब्याज के कुचक्र में फंस जाते हैं।
  • भारत में अभी भी 11000 गांवों में सड़क नहीं है जिस वजह से उन्हें रोजगार के अन्य साधन नहीं मिल पाते।
  • भारत में स्टार्टअप की सफलता दर केवल 10% है जबकि इजराइल में यह दर 95% जापान में 71% और अमेरिका में 58% है।
  • प्रतियोगी औद्योगिक प्रदर्शन में भारत का स्थान 68वा है जिसमें जापान पहले जर्मनी दूसरे एवं अमेरिका तीसरे व दक्षिण कोरिया चौथे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन इतन जटिल है की आयात उत्पादन की तुलना में सस्ता पड़ता है।

मुझे बड़े पैमाने पर उत्पादन चाहिए साथ ही जनता के द्वारा उत्पादन भी चाहिए। - दीनदयाल उपाध्याय

शहरीकरण एवं पलायन :

  • भारत की 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है उद्योगों का शहरी क्षेत्र में केंद्रीकरण की वजह से लोगों को रोजगार के लिए शहरों की ओर जाना पड़ता है, यहां तक की कृषि आधारित उद्योग भी शहरों में केंद्रित हैं।
  • 2025 तक यह अनुमान लगाया जा रहा है की भारत की 40% आबादी शहरों में रहेगी।
  • शहरीकरण की वजह से झुग्गी झोपड़ियां, शहरी गरीबी, शहरी अपराध, शहरी कूड़ा इत्यादि बढ़ता है लेकिन शहरी ढांचागत सुविधाएं नहीं बढ़ती है।
  • उदाहरण के तौर पर धारावी झुग्गी झोपड़ी जो कि सबसे बड़ी स्लम है, इस का जनसंख्या घनत्व लगभग 300000 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
  • दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्लम भारत में है, हर चौथा भारतीय स्लम में रहता है, शहरी गरीब भारतीय अर्थव्यवस्था को तो आगे ले जाते हैं लेकिन इनके लिए कोई अर्थव्यवस्था नहीं है।

भारत पर कर्ज:

  • सन 2014 में भारत के ऊपर कुल 53 लाख करोड़ का ऋण था जोकि 2020 तक 16 करोड हो गया है।
  • केंद्र सरकार लगभग 6 लाख करोड रुपए प्रतिवर्ष पुराने कर्जे के ब्याज के रूप में चुकाती है, एवं हर साल लगभग 6लाख करोड़ का नया ऋण लेती है, इस ब्याज के भुगतान की वजह से भारत में और भी प्रगति के कार्य नहीं होते।
  • सन 2007 में प्रति व्यक्ति कर्ज़ 50,000 था जोकि अब बढ़कर 1 लाख हो गया है।

भारत में एनपीए व डूबत कर्ज:

  • भारत में दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा डुबत खाता हिसाब है।
  • कुल एनपीए हमारे बैंकों द्वारा दिए हुए ऋण का 10% तक पहुंच चुका है।
  • वर्ष 2019 तक सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों का एनपीए स्तर 7.27 लाख करोड़ हो चुका था।
  • सूचीगत व्यवसाई बैंकों का एनपीए 9.67 लाख करोड़ हो चुका है , इनमें से कृषि और इससे जुड़े उद्यमों का कर्ज़ 85,000 करोड़ ही है।
  • 7 लाख करोड़ का एनपीए उद्योग जगत पर है कुल एनपीए का 9% ही कृषि क्षेत्र का है।
  • कुल 9 लाख करोड़ मैं से 7 लाख करोड़ का राइट ऑफ अभी हाल के दिनों में ही दिया गया है।
  • दिए गए राइट ऑफ में अधिकतम कर्जा केवल 100 लोगों का ही हैं।

“क्रांति गरीबी और अपराध से निकलती है l” - अरस्तु

भ्रष्टाचार और घोटाले :

  • पिछले 20 वर्षों में भारत में लगभग चार लाख करोड रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े हैं। भारत के कुछ मुख्य घोटाले
  • कोयला प्रकरण: 1.86 लाख करोड़, 2G स्पेक्ट्रम कांड: 1.76 लाख करोड़, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला: 70 हजार करोड़, नीरव मोदी घोटाला: 11400 करोड़, सत्यम घोटाला: 14000 करोड़, विजय माल्या पीएनबी घोटाला: 9000 करोड़.

आयात निर्यात:

  • भारत 6 लाख मिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का सामान आयात करता है.
  • जबकि भारत का निर्यात 3लाख मिलियन अमेरिकी डॉलर का है
  • चीन से हमारा आयात 75 बिलियन डॉलर का है और हमारा चीन को निर्यात 18 बिलीयन डॉलर का है, हम चीन से प्रतिवर्ष 57 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा झेलते हैं।
  • चीन का कुल निर्यात 2.5 ट्रिलियन डॉलर का है जोकि भारत की जीडीपी के दो तिहाई से भी ज्यादा है।

भारत में अपराध:

  • एनसीआरबी के अनुसार पूरे भारत में पिछले वर्ष 320033 बलात्कार के प्रकरण दर्ज किए गए थे औसतन 88 केस प्रतिदिन या फिर हर 20 मिनट में एक प्रकरण
  • मानव तस्करी एवं महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में भारत 136 देशों में सातवें स्थान पर है
  • दोष सिद्धि दर भारत में केवल 28 % है यानी लगभग 72% आरोपियों पर दोष साबित नहीं हो पाता।

भारत में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण:

  • भारत में हर साल उगाए हुए खाद्यान्न का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा बर्बाद हो जाता है जबकि हर सातवां व्यक्ति भूखे पेट सोने के लिए मजबूर है
  • भारत के पास 9 करोड़ मेट्रिक टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता है जबकि तीन करोड़ मैट्रिक टन के भंडारण क्षमता की अभी और आवश्यकता है
  • भारत में 49 % भूमि सिंचित है जिसका वर्ग क्षेत्र 40 करोड़ एकड़ है बची हुई 51% कृषि भूमि वर्षा पर निर्भर है।
  • 2007 से 2017 के बीच भूमिगत जल स्तर 61% नीचे चला गया है इसमें से 89% जल कृषि के लिए उपयोग किया गया था ।
  • 1 किलो चावल उपजाने के लिए लगभग 5000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है जबकि 1 किलो कपास के लिए 22500 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है, कई कपड़ा निर्यातक देश भारत से कपास का आयात करते हैं और भारत में कपड़े का निर्यात करते हैं इससे भारत का जल स्तर नीचे आता है और वह स्वयं का पानी बचा लेते हैं।
  • भारत धान का भारी मात्रा में निर्यात कर रहा है जोकि अधिक पानी आधारित फसल है जबकि इसके बदले में जो राशि आ रही है वह बहुत ज्यादा नहीं है भारत फल एवं सब्जियों का निर्यात करने में असफल रहा है जिनमें पानी कम लगता है और राशि भी अधिक आती है
  • पिछले 10 वर्षों में अलग अलग राज्य सरकारों को 5 लाख करोड़ मूल्य का कृषि ऋण माफ करना पड़ा है
  • भारत में 40 करोड़ एकड़ कृषि भूमि है जोकि अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा है इसके बाद भी कई देश जिनके पास हम से कम कृषि भूमि हैं वह हमसे ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन कर रहे हैं 25% कृषि भूमि हर वर्ष बिना कुछ बोये छूट जाती है।
  • भारत की जीडीपी में कृषि क्षेत्र 16% का योगदान देता है एवं इसमें 58% लोग जुड़े हुए हैं, उद्योग क्षेत्र जीडीपी में 29 परसेंट योगदान देता है जिसमें की 9.4% लोग संलग्न है, सेवा क्षेत्र 33% लोगों को रोजगार देता है और यह भारत की जीडीपी में 44% का योगदान देता है
  • भारत में कृषि पर क्षमता से अधिक भार है कई देश भारत के कृषि से जुड़े लोगों की संख्या के महज 10% लोगो के साथ भारत के बराबर का खाद्यान्न उगाते हैं, यह एक प्रकार का छुपा हुआ बेरोजगार या मौसमी बेरोजगार है।
  • जर्मनी अपने 1.7% कार्यबल का जापान 10% इटली 5.5% कृषि क्षेत्र में लगाता हैl

भारत में न्याय व्यवस्था:

  • भारत में जनसंख्या एवम न्यायाधीश दर 20 जज प्रति 10 लाख व्यक्ति हैं जबकि आवश्यकता प्रति दस लाख लोगों पर 50 जजों की है
  • सर्वोच्च न्यायालय में 60 हजार प्रकरण लंबित हैं।
  • अलग-अलग उच्च न्यायालयों में 42 लाख प्रकरण लंबित हैं
  • जिला न्यायालय एवं सत्र न्यायालयों में 2.7 करोड़ प्रकरण लंबित हैं
  • भारत की 130 करोड़ की जनसंख्या पर 664 फास्ट ट्रैक कोर्ट है।
  • पोस्को एक्ट में बाल एवं शिशुओं के विरुद्ध अपराध के 88.8% केस अभी भी लंबित है और इनमें 35 % के खिलाफ ही अपराध सिद्ध हो पाता है।
  • विश्व कानून का राज सूचकांक में 128 देशों में भारत का स्थान 69 वा है
  • प्रगतिशील देशों में अफ्रीकी देश घाना इस सूचकांक में पहले पायदान पर है

“हम जाति की नींव पर कुछ नहीं बना सकते, ना तो इसके दम पर एक राष्ट्र बनाया जा सकता, है ना ही नैतिकता। - डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

वायु प्रदूषण:

  • विश्व के 30 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से 21 भारत में है।
  • प्रदूषण के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों की वजह से भारत में सन 2019 में 20 लाख लोग मारे गए।

खेल:

  • जनसंख्या बनाम ओलंपिक पदक के मामले में भारत का दुनिया में सबसे खराब अनुपात है 70 वर्ष के इतिहास में भारत ने मात्र 28 मेडल जीते हैं अमेरिका के माइकल फेल्प्स ने इससे ज्यादा मेडल अकेले ही जीते हैं।
  • ओलंपिक में भारत ने अब तक केवल एक ही व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता है
  • हॉकी, जिसके हम कभी सिरमौर हुआ करते थे उसमें हमने 1980 के बाद एक भी ओलंपिक स्वर्ण पदक नहीं जीता।
  • भारत में खिलाड़ियों की दुर्दशा इस बात से जान जा सकती है कि पहले ओलंपिक पदक विजेता केडी जाधव का घोर गरीबी में निधन हुआ था।.
  • क्रिकेट के अलावा दुनिया के अन्य बड़े खेल जैसे कि रग्बी बास्केटबॉल फुटबॉल टेनिस इत्यादि में भारत बहुत निचले स्तर पर है।
  • भारत खेलों पर प्रतिवर्ष 2600 करोड़ रुपए खर्च करता है
  • अमेरिका 3 लlख करोड़ और चीन चार लाख करोड़ रुपए खर्च करते हैं
  • 1950 के बाद भारत कभी फुटबॉल वर्ल्ड कप के लिए अपनी जगह नहीं बना सका है।

“वह मुझे मार सकते हैं लेकिन मेरे विचारों को नहीं, वह मेरे शरीर को मार सकते हैं लेकिन मेरी आत्मा को नहीं l” - भगत सिंह

पर्यटन :

  • भारत में 38 विश्व धरोहर स्थल है जबकि पर्यटन से भारत केवल 2 लाख करोड़ कमाता है, अमेरिका की पर्यटन से होने वाली आय 14 लाख करोड़ है और थाईलैंड की चार लाख करोड़ है।

सड़क सुरक्षा :

  • भारत अपनी जीडीपी का 3.25% भाग प्रति वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में खो देता है।
  • 199 देशों में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत पहले नंबर पर हैं।
  • विश्व भर में होने वाले कुल सड़क हादसों मैं से 11% केवल भारत में होते हैं जबकि पूरी दुनिया के 2% ही मोटर वाहन भारत में है।
  • भारत में 60% ड्राइविंग लाइसेंस बिना किसी जांच के बन जाते हैं।
  • यातायात जाम के कारण भारत को प्रतिवर्ष लगभग 1.5 लख करोड़ का नुकसान होता है